EPF: 15 हजार बेसिक सैलरी, 35 साल उम्र; रिटायरमेंट पर कितना मिलेगा फंड, कैलकुलेशन
EPF Calculation: सरकार की ओर से हर साल ईपीएफ की ब्याज दरें तय की जाती हैं. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए EPF पर सालाना 8.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कॉपर्स बन जाता है.
(Image: Pixabay)
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EPF Calculation: संगठिन क्षेत्र में काम करने वाली निजी क्षेत्र के कर्मचारियों के लिए प्रोविडेंट फंड अकाउंट (Provident Fund Account) रिटायरमेंट कॉपर्स बनाने का अच्छा ऑप्शन है. कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO) इसे मैनेज करता है. EPF अकाउंट में इम्प्लॉई और एम्प्लॉयर दोनों की तरफ से कंट्रीब्यूशन होता है. यह कंट्रीब्यूशन बेसिक सैलरी प्लस डियरनेस अलाउंस का 12-12 फीसदी होता है. सरकार की ओर से हर साल ईपीएफ की ब्याज दरें तय की जाती हैं. वित्त वर्ष 2022-23 के लिए EPF पर सालाना 8.1 फीसदी ब्याज मिल रहा है. EPF एक ऐसा अकाउंट है, जिसमें रिटायरमेंट तक धीरे-धीरे बड़ा कॉपर्स बन जाता है.
15 हजार बेसिक सैलरी पर रिटायरमेंट फंड
मान लीजिए आपकी बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस मिलकार 15,000 रुपये है. आपकी उम्र 35 साल है, तो रिटायरमेंट तक यानी 58 साल की उम्र तक आपके पास 54 लाख रुपये रिटायरमेंट फंड तैयार हो जाएगा. ईपीएफ स्कीम में मैक्सिमम 58 साल तक ही कंट्रीब्यूशन कर सकते हैं.
EPF कैलकुलेशन समझिए
बेसिक सैलरी+DA= ₹15,000
मौजूदा उम्र= 35 साल
रिटारमेंट उम्र= 58 साल
इम्प्लॉई मंथली कंट्रीब्यूशन= 12 फीसदी
एम्प्लॉयर मंथली कंट्रीब्यूशन= 3.67 फीसदी
EPF पर ब्याज दर= 8.1 फीसदी सालाना
सालाना सैलरी ग्रोथ= 10 फीसदी
58 साल की उम्र में मैच्योरिटी फंड= ₹54.02 लाख
(इम्प्लॉई कंट्रीब्यूशन ₹19.11 लाख और एम्प्लॉयर कंट्रीब्यूशन ₹5.85 लाख रहा. कुछ कंट्रीब्यूशन 24.96 लाख रुपये रहा.)
(नोट: कंट्रीब्यूशन के पूरे साल में सालाना ब्याज दर 8.10 फीसदी और सैलरी ग्रोथ 10 फीसदी ली गई है.)
EPF में एम्प्लॉयर का 3.67% होता है कंट्रीब्यूशन
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EPF अकाउंट में इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी और डियरनेस अलाउंस (DA) का 12 फीसदी जमा होता है. लेकिन, एम्प्लॉयर की 12 फीसदी की रकम दो हिस्सों में जमा होती है. एम्प्लॉयर के 12 फीसदी कंट्रीब्यूशन में से 8.33 फीसदी रकम इम्प्लॉई पेंशन अकाउंट में जमा होती है और शेष 3.67 फीसदी रकम ही ईपीएफ अकाउंट में जाती है.
15,000 सैलरी से समझें कंट्रीब्यूशन
इम्प्लॉई बेसिक सैलरी + डियरनेस अलाउंस= ₹15,000
EPF में इम्प्लॉई कंट्रीब्यूशन= ₹15,000 का 12 फीसदी= ₹1800
EPF में एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन= ₹15,000 का 3.67 फीसदी= ₹550
पेंशन फंड (EPS) में एम्प्लॉयर का कंट्रीब्यूशन= ₹15,000 का 8.33 फीसदी = ₹1249
इस तरह देखें तो पहले साल 15,000 रुपये बेसिक सैलरी वाले इम्प्लॉई के EPF अकाउंट में कुल मंथली कंट्रीब्यूशन ₹2350 (1800+550 रुपये) होगा. इसके बाद सालाना आधार पर सैलरी में 10 फीसदी की बढ़ोतरी के साथ उसी अनुपात में बेसिक और डियरनेस अलाउंस में इजाफा होगा. जिसके साथ-साथ ईपीएफ कंट्रीब्यूशन बढ़ता जाएगा. जिन इम्प्लॉई की बेसिक सैलरी ₹15,000 से कम है, उनके लिए इस स्कीम से जुड़ना अनिवार्य है.
PF पर कैसे होती है ब्याज की कैलकुलेशन
PF अकाउंट में हर महीने जमा पैसे यानी मंथली रनिंग बैलेंस के आधार पर ब्याज की गणना (PF Interest calculation) की जाती है. लेकिन, इसे साल के आखिर में जमा किया जाता है. EPFO के नियमों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की आखिरी तारीख को बैलेंस राशि में से सालभर में अगर कोई राशि निकाली गई है, तो उसे घटाकर 12 महीने का ब्याज निकाला जाता है. EPFO हमेशा खाते का ओपनिंग और क्लोजिंग बैलेंस लेता है. इसका आकलन करने के लिए मासिक रनिंग बैलेंस को जोड़ा जाता है और ब्याज के रेट/1200 से गुणा कर दिया जाता है.
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